बहुत दिनों बाद आज इस गली आना हुआ सोचा फिर चाय की एक प्याली मंगाई जाये और अपने आप से बात की जाये, जिंदगी अजीब से चौराहे पर खड़ी है एक एक कदम दिशा बदलने में निर्णायक सिद्ध होगा, तीन रास्ते छोड़े जाये या एक अपनाया जाये, या समय से लड़ते हुए चारो को थामे रहे, बस इसी कश्मकश आज की चाय
बुधवार, 13 जुलाई 2016
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