मंगलवार, 13 अप्रैल 2010

जय झूठ बाबा की .......

गोली देना , कैप्सूल देना ,झूठ बोलना न जाने क्या क्या नाम है , पर ये सब है बड़े कमाल की चीज़......पर दोस्तों गोली देते देते परेशान हो गए है, पर क्या करे झूठ बोलना मज़बूरी हो गयी है .... सच कोई सुनना ही नहीं चाहता... चाहे दोस्तों को वक़्त पे पहुचने की गोली दे या ऑफिस में बॉस को काम पूरा करने की गोली ..... हालत ये हो गए है की एक दोस्त ने तो महान गोलीबाज का अवार्ड भी दे दिया है .... ये भाई साहब ऐसे थे जो आठ बजे पहुचने का वादा कर पहुचते थे दस बजे .... आज काम पूरा हो जाएगा बोल ...गायब हो जाते थे तीन दिन के लिए .... अब ऐसे इंसान से अवार्ड पाकर मुझे केसा महसूस हो रहा होगा आप सोच ही सकते है ....अब 24 घण्टे में से 48 घण्टे का काम निकलना कम बात थोड़े है बिना गोली क्या ये पूरा हो सकता है ऑफिस में कभी ये बोल सकते है नींद ज्यादा लेने की वजह से लेट हो गए , अब बहाना तो ट्रेफिक का ही लेना पड़ता है ..... दोस्त जल्दी पहुच गया अब केसे कहे हमे आने में २ घंटे लगेंगे १० मिनिट बोल बोल कर ही रोका जा सकता है ..... सबको नाराज करना भी गलत बात है ना जीना तो इन्ही सब के साथ है ..... तो बोलो जय झूठ बाबा की

6 टिप्‍पणियां:

अविनाश वाचस्पति ने कहा…

जमाने के साथ

चलने का जमाना है।

Shekhar Kumawat ने कहा…

jai jhut baba ki


bahut khub

shkhar kumawat

http://kavyawani.blogspot.com/

दिलीप ने कहा…

ab kya karein sach sabko pachta bhi to nahi...kambakht ko pachane ke liye koi goli bhi nahi aati..isliye bas goli do....

http://dilkikalam-dileep.blogspot.com/

Udan Tashtari ने कहा…

जय झूठ बाबा की..

Zindagi k Manzar ने कहा…

बहुत खूब...बहुत झूठ बोले है...हममम...जमाना बोलता है तो पीछे कैसे रहे....

Zindagi k Manzar ने कहा…

बहुत खूब...बहुत झूठ बोले है...हममम...जमाना बोलता है तो पीछे कैसे रहे....